मैया निपट बुरो बलदाऊ।
कहन लग्यौ बन बड़ो तमासो, सब लरिका जुरि आऊ।।
मोहू कौं चुचकारि गयो लै, जहां सघन बन झाऊ।
भागि चलौ कहि गयौ उहां तें, काटि खाय रे हाऊ।।
हौं डरपौं अरु रोवौं ठाड़ो, कोऊ न धीर धराऊ।
परि परि गयो चल्यों नहीं जावै, वे भाजे जात अगाऊ।।
मो सौं कहत मोल कौ लीन्हो, आपु कहावत साऊ।
सूरदास बलराम चबाई, तैसेई मिले सखाऊ।।