चौपाई ( रचना प्रकार ) : रचना सूची
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चौपाई-
जय-जय गिरिवर राज किशोरी । जय महेश मुख चंद चकोरी ।। 
जय गजबदन शदानन माता । जगत जननी दामिनी दुति गता ।।
नहिं तव आदि मध्य अवसाना ।। अमित प्रभाउ बेदु नहिं जाना ।। 
भव भव विभव परभव करिनि । विश्व बिमाहि स्वबस बिहारिनि ।।
मोर मनोरथु जानहु नीके । बसहु सदा उर पुर सबहिं के ।। 
कीन्हेऊँ प्रगट न करण तेहिं । अस कहै चरण गहे बदेही ।।

दोहा -
मनु जाए राचिहूं मिलही सो वर, सहज सुंदर सांवरो । 
करुणा निधान सुजान शील, सनेह जानत रवारो ।। 
येही भांति गोरी आशीष सुन, सिया सहित हिय हर्षित अली । 
तुलसी भवानी पूज पुनि पुनि,  मुदित मन मंदिर चली।।

सोरठा- 
जानि गौरि अनुकूल सिय,  हिय हरषु न जाइ कहि । 
मंजुल मंगल मूल,  बाम अंग फरकन लगे ॥

चौपाई अज्ञात 17/12/2023

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