अन्य ( रचना प्रकार ) : रचना सूची
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नमो नमो सुरभि महारानी..
 नमो नमो गैया महारानी..

सर्वेश्वरी यज्ञेश्वरी स्वामिनी,
 कृपामयी मैया कल्यानी..

आजीवन तन पोषे तोषे, 
पंचगव्य ते सब जग जानी..

पार लगावे बैतरनी से, 
मरिबे पर श्रुति-शास्त्र बखानी..

आदिशक्ति जगजननी कहकर​,
 जस गायो तुव संभु भवानी..

प्रतिअंगन सब देव विराजै, 
लक्ष्मी गोमय माही समानी..

तजि वैकुण्ठ के सिगरे वैभव​,
 तव सेवा हरि मन महँ ठानी..

नख पै धार्यो गिरि गोवर्धन​,
 तुमको निज सर्वेश्वरी मानी...

दरस परस ते सब अघ नासैं, 
नाम तिहारो महा सुखदानी....

दुध​-दधि-घृत हव्य​-कव्य करि, 
हरि-हर​-देव​-पितर सनमानी..

तृन खावे पर दुध पिलावे, 
कोई नहि तुम सम वरदानी..

तव सुत कृपा अन्न उपजत है,
 तव गोमय भुमि सरसानी..

जो जन तोहे सदा अवराधे,
 तिन्ह पर रीझे सारंगपानी..

उभय लोक महासुख पावें, 
ध्रुव महिमा गुरुजन ते जानी..

अन्य अज्ञात 20/11/2023

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