सब सुख सदन बदन तुव राधे।
उपमा कमल ससी नहिं पावत, मीत मान अपराधे ।।
मृदु मुसक्यानि हरत मन नैनन, बंक बिलोकन ही दृग आधे।
लेत बलाय दुहुँ कर भगवत रसिक सिरोमनि गुननि अगाधे ।।
पद ( रचना प्रकार ) : रचना सूची
पद
हित हरिवंश
17/09/2023
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हित हरिवंश
17/09/2023
पद
मलूकदास
14/11/2023
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अज्ञात
14/03/2023
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अज्ञात
14/11/2023
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कुम्भनदास
14/11/2023
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